Keral Ka Lok Nritya (कथकली प्रमुख लोक नृत्य है)

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Keral Ka Lok Nritya

Keral Ka Lok Nritya-इस तरह के सवाल एससी स्टूडेंट ने बहुत देखे होंगे इसके साथ ही केरल में भिन्न भिन्न प्रकार के नृत्य भी होते हैं और इन्हीं नृत्यों में अक्सर क्वेश्चन देखे जाते हैं एसएससी के न्यू पैटर्न के अनुसार हर 25 क्वेश्चन में से एक दो क्वेश्चन नृत्य और लोक नृत्य से जरूर पूछे जाते हैंआज हम इन्हीं के बारे में जानेंगे। केरल के लोक नृत्य अपनी विविधता से अनूठी मिसाल कायम करते हैं केरल के लोक नृत्य धार्मिक और सामाजिक विविधताओं के आधार पर क्यों सदियों पुरानी अपनी परंपराओं का अभिवादन करते हैं ये राज्य की अभिन्न संस्कृति का अंग है

Keral Ka Lok Nritya

कथकली

यह केरल का शास्त्रीय नृत्य है यह शैलिबद्ध कला रूप है जिसमें नृत्य संगीत और अभिनय का मिश्रण है। इसका दूसरा नाम रंगवेदी या कलियरंगु है। पांच आयाम होते हैं अंगिका ,आर्य, वाचिक ,सात्विका, नृत्य। कथकली भरत मुनि के प्राचीन नाट्यशास्त्र व हस्त लक्षण दीपिका पर आधारित है जो हाथ की मुद्राओं की शास्त्रीय रचना है। कथकली की कहानी हिंदू पुराणों और महाकाव्य से ली जाती है। प्रसिद्ध कवि वल्लत्तोल नारायण मेनन और मनकुलम मुकुंद राजा ने कलामंडलम की स्थापना की जो कथकली के पुनर्जीवन में लगा हुआ है।

यह नृत्य बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। यह पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है । इसमें रामायण तथा महाभारत के भागों पर का अभिनय किया जाता है । इसमें नर्तन द्वारा चेहरे के अलग-अलग भावों तथा रंगों का उपयोग किया जाता है। चेहरे को हरे रंग से रंगा जाता है जो शक्ति का प्रतीक है। पांच कलाएं हैं जो निम्नलिखित है

नाट्यम
नृथम
नृत्यम
संगीतम
वाद्यम

कथकली के प्रमुख कलाकार

मिलेना सालवीनी
पीवी बालकृष्ण
कुछु कुरूप
कोठ्ठकल नंदकुमार नायर
मृणालिनी साराभाई

मोहिनीअट्टम

ये अभी केरल की संस्कृति का अभिन्न अंग है यह स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है जो मंदिर परिसर में किया जाता है । यह शास्त्रीय नृत्य हिंदू देवी मोहिनी से प्रेरित है । इसमें नर्तक कोमल और स्त्रीत्व मुद्रा और गति का अनूठा समीकरण प्रस्तुत करता है। प्रतिपादन वैष्णव संत शंकर देव ने किया था इसमें लास्य और तांडव दोनों तत्वों का मिश्रण है ।

मोहिनीअट्टम प्रमुख कलाकार निम्नलिखित है

हेमा मालिनी ,तारा निडुगड़ी,भारती शिवाजी ,श्रीदेवी,कालादेवी,रागिनी देवी,के कल्याणी अम्मा तंकमणि,कनक रेले

थुल्लल

ये केरल का नृत्य पुरुष नृतक द्वारा मालाबार क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य है। इसमें नर्तक हास्य पूर्ण वेशभूषा और मुकुठे पहनकर मजेदार कहानियां वह चुटकुले सुनाते हुआ नृत्य करता है

कुट्टीयार

कुट्टियार जाति द्वारा किया जाने वाला योद्धा नृत्य है। मैं पुरुष नृत्य करते हुए तलवारबाजी और मार्शल आर्ट तकनीक का सुंदर समागम प्रस्तुत करता है यह एक पुरुष नृत्य है

ओट्टमथुलल

पुरुष नृतक द्वारा महिला के वेश में त्रावनकोर में किया जाने वाला नृत्य है इस नृतक तक सुंदर और धीमी गति का प्रदर्शन करता है । यह नृत्य मृदंग तथा इडक्का का वाद्य यंत्रों के साथ किया जाता है

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