ज्वालामुखी (jvalamukhi) विस्फोट प्रकार वितरण

ज्वालामुखी विस्फोट प्रकार वितरण  हमारे ब्लॉग में, जहां हम आपको एक रोचक और ज्ञानवर्धनकर विषय पर बात करेंगे हम इस ब्लॉग में आपको ज्वालामुखी विस्फोट के विभिन्न प्रकारों और उनके प्रकारिक वितरण के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको प्रदान  करेंगे। एक एक करके हम ज्वालामुखी विस्फोट प्रकार वितरण के बारे में पढ़ते है  यह विषय हमें भूकंपों और प्राकृतिक आपदाओं की दिशा में एक नए पहलुओं से रूबरू कराएगा और हमें समझने में मदद करेगा कि भूमि की गहराईयों में इस प्रकार के घटनाएं कैसे होती हैं और उनका किस तरह किनसे तथ्यों के आधार पर  वितरण कैसे होता है।

ज्वालामुखी (jvalamukhi)

ज्वालामुखी वो प्रक्रिया है जिसमें भूमि के अन्दर से लावा, राख , भाप , तथा अन्य गेसे बहार निकलती है और लावा के ठंडी होने पर चट्टानों का निर्माण करती है 

 

jvalamukhi

 

ज्वालामुखी विस्फोट प्रकार वितरण उद्‌गार की प्रकृति के आधार पर 

दरारी उद्‌गार

आइसलैण्ड तुल्य ज्वालामुखी

लावा 3 प्रकार का होता है

  •  बसाल्टिक क्षारीय
  • एंडेसाइट
  • रायोलाइट Rhyolite) अम्लीय

इस प्रकार के ज्वालामुखी बिल्कुल विस्फोटक नहीं होते । इसके अन्तर्गत दरारों के माध्यम से बसाल्टिक लावा बाहर आता है जो क्षारीय प्रकृति का होने के कारण फैल जाता है। इस प्रकार के ज्वालामुखी उद्‌गार के दौरान ज्वालामुखीय पठारों। का निर्माण होता है। दक्कन पठार / दक्कन ट्रैप

केन्द्रीय उद्‌गार

हवाई तुल्य ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखी बहुत कम विस्फोटक होते हैं। इस प्रकार के उद्‌गार के अन्तर्गत क्षारीय लावा निकलता है जो कम ऊँची मन्द दाल वाली स्थलाकृति का निर्माण करता है। इंसे शील्ड प्रकार का ज्वालामुखी भी कहते हैं। मोनालुआ हवाई द्वीप

स्ट्रोम्बोली तुल्य ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखी विस्फोटक होते हैं। इस उद्‌गार के अन्तर्गत अम्लीय लावा निकलता है जिससे ऊँची एवं तीव्र दाल वाली स्थलाकृति का निर्माण होता है। इस प्रकार के ज्वालामुखी सक्रिय भी होते हैं। स्ट्रोम्बोली में बार-बार उद्‌गार होने के कारण इसे भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ कहते है।

वल्कैनो तुल्य ज्वालामुखी

इस ज्वालामुखी प्रकार का नाम इटली के लिपारी द्वीप पर स्थित वल्कैनो ज्वालामुखी के नाम के आधार पर रखा गया है।यह विस्फोटक ज्वालामुखी होते हैं। इनमें उद्‌गार के दौरान लावा के साथ राखयुक्त गैसें निकलती हैं जो ऊपर उठकर काले बादल के रूप में फैलकर फूलगोभी का आकार ले लेती है।

कैरीयबिन ज्वालामुखी 

कैरीयबिन सागर के इस ज्वालामुखी का नाम ‘मार्टिनिक द्वीप पर स्थित पीली ज्वालामुखी पर्वत के आधार पर रखा गया है। इस प्रकार के ज्वालामुखी अत्यधिक विस्फोटक होते हैं। उनमें उद्गार के दौरान लावा के साथ ज्वलखण्डाझिम पदार्थ भी बाहर आते हैं। इस ज्वलखण्डारिम पदार्थ का प्रवाह प्रारम्भ हो जाता है जो बाल के सहारे फैल जाता है तथा विनाशकारी बन जाता है।

प्लिनियन ज्वालामुखी

इस ज्वालामुखी का नाम रोमन विंद्वान Pliny के नाम पर रखा गया है जिनकी मृत्यु सन् 19 में विसूवियस ज्वालामुखी  में हुए उद्‌गार के कारण हुई थी। इस प्रकार के ज्वालामुखी अत्यधिक विस्फोटक होते हैं तथा इनमें गैसों की तीव्रता बहुत अधिक होती है। गैसों की तीव्रता अधिक होने के कारण गैसें ऊपर उठकर समताप मण्डल तक पहुंच जाती हैं। इस प्रकार के ज्वालामुखी अत्यधिक विनाशकारी होते हैं।

सक्रियता के आधार पर

सक्रिय ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखी में बार-बार उद्‌गार होते हैं। Strombali (इटली) ,Barren Island (भारत), Cotopaxi ( South America)

सुषुप्त ज्वालामुखी

ऐसे ज्वालामुखी जिनमें कई वर्षों से उद्‌गार नहीं हुये होते परन्तु भविष्य में उनमें उद्‌गार की संभावना होती है। Vesuvius (इटली) Narcondam Island (BHARAT)

मृत ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखी में हजारों वर्षों तक कोई उद्‌गार नहीं होता तथा भविष्य में भी इनमें उद्‌गार होने की कोई संभावना नहीं होती। अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका)

स्थलाकृति के आधार पर 

शील्ड ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखी कम विस्फोटक होते हैं।
इनमें क्षारीय लावा का उद्‌‌गार होता है। वाहक नलिका में जल के प्रवेश करने से यह ज्वालामुखी विस्फोटक हो जाते हैं। यह ज्वालामुखी कम ऊँची मन्द दाल वाली स्थलाकृति का निर्माण करते हैं।

मिश्रित ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखी विस्फोटक होते हैं। इस प्रकार के उद्‌गार के दौरान लावा के साथ अन्य पदार्थ भी बाहर आते हैं जैसे- ज्वलखण्डारिम पदार्थ, ज्वालामुखी बम्ब, राख, गैसें आदि यह सभी पदार्थ परतों में जमकर ऊँची स्थलाकृति का निर्माण करते हैं।
रेनियर

काल्डेरा

इस प्रकार के ज्वालामुखी अत्यधिक विस्फोटक होते हैं। इनमें ऊँची स्थलाकृति बनने के बजाय वह हिस्सा धँस जाता है। इसे ज्वालामुखीय कुण्ड भी कहते हैं। यह ज्वालामुखी दर्शाता है कि मेग्मा के भण्डार सतह के पास स्थित हैं एवं विशाल है। आसो काल्डेरा (जापान)

बसाल्ट प्रवाह क्षेत्र ज्वालामुखी

उत्स प्रकार के ज्वालामुखी निल्कुल भी विस्फोटक नहीं होते है । उद्‌गार के के माध्यम से बसाल्टिक लावा बाहर इनमें दरारी आता है जो बहुत बड़े क्षेत्र में फैलकर पठार का निर्माण करता है। यह आइसलैण्ड तुल्य ज्वालामुखी जैसा होता है।
दक्कन का पठार

मध्य महासागरीय कटक ज्वालामुखी

यह ज्वालामुखी मध्यम से निम्न तीव्रता के होते हैं। यह ज्वालामुखी अपसारी प्लेट किनारों पर आते हैं। इसके अन्तर्गत महासागरीय क्षेत्रों में कटक का निर्माण होता है।
मध्य अटलांटिक कटक

ज्वालामुखी विस्फोट क्या होता है?

वह घटना है जहाँ ठोस, तरल पदार्थ, गैसें और उनके मिश्रण एक ठोस सतह वाले खगोलीय पिंड की सतह पर फूटते हैं।


ज्वालामुखी विस्फोट कितने प्रकार के होते हैं?

तीन  प्रकार के विस्फोट होते हैं। 1. सक्रिय ज्वालामुखी 2. मृत ज्वालामुखी 3. प्रसुप्त ज्वालामुखी

हमने इस आर्टिकल में ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते है इसके बारे में जाना तथा वो कोनसी जगह पर होते है। इसके अलावा, हमने एक और ब्लॉग पोस्ट तैयार की है 

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