पृथ्वी की आतंरिक संरचना

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पृथ्वी की आतंरिक संरचना

पृथ्वी की आतंरिक संरचना

पृथ्वी की आतंरिक संरचना-यह ब्लॉग आपको पृथ्वी के आंतरिक भाग तापमान की परतो  के बारे में  विस्तार से बताएँगे जो आपको (युपीएससी) तथा स्टेट पी एस सी में पूछे जायेंगे पृथ्वी की आंतरिक सरचना के बारे में जानना और उसके हर पहलु की खोजबीन चाहे भूकंप ज्वालामुखी समुदंर नदी नाली की बनावट हो सब पृथ्वी की संरचना से जुड़े हुवे है यहाँ हम आपको एक एक कर समझायेंगे और  साथ चित्र  भी दिया है जिससे आप इसको आसानी से समझ सकते है

घनत्व के आधार पर पृथ्वी की आन्तरिक संरचना के बारे में बताया जाता है। पृथ्वी का औसत घनत्व 5.5 GM /CM³ है। भूकम्पीय विज्ञान द्वारा पृथ्वी की आन्तरिक संरचना के बारे में बताया जाता है। भूकम्प विज्ञान के अन्तर्गत भूकम्पीय तरंगों का अध्ययन किया जाता है। भूकम्पीय तरंगों के अध्ययन से निम्नलिखित अनुमान  लगाए गए हैं भूकम्पीय तरंगों का वक्लाकार मार्ग यह दर्शाता है आंतरिक घनत्व बदलता रहता है।

तरंगों की गति गहराई बढ़ने के साथ बढ़ती है जो दर्शाता है कि पृथ्वी के आन्तरिक भाग में घनत्व अधिक है। P तथा S तरंगों की गति तीन स्थानों पर बहुत अधिक परिवर्तित होती है जिसके आधार पर पृथ्वी को तीन परतों में विभाजित किया जा सकता है।
भूकम्पीय तरंगों का छाया क्षेत्र यह दर्शाता है कि बाहरी कोर द्रव अवस्था में स्थित हैं

इन सभी अनुमानों के आधार पर इनको 3 परतो में विभाजित किया जाता है जिसका चित्र नीचे दिया गया है जिससे आप आसानी से समझ सकते है

पृथ्वी की आतंरिक संरचना

भूपर्पटी / भूपटल (CRUST)

यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है जो 35 KM. की गहराई तक पाई जाती है।
इस परत में सबसे कम घनत्व पाया जाता है। इस परत को दो उपपरतों में बाँटा जाता है:-
ऊपरी भूपर्पटी
निचली भूपर्पटी

ऊपरी भूपर्पटी 

इस परत का घनत्व 2.7 GM /CM³ है।
इस परत का निर्माण मुख्य रूप से ग्रेनाइट च‌ट्टान से हुआ है।
यह परत महाद्वीपों का निर्माण करती है।

निचली भूपर्पटी

इस परत का घनत्व 3 GM/CM³ है
इस परत का निर्माण मुख्य रूप से बसाल्ट चट्टानों से हुआ है।
यह परत महासागर के तल का निर्माण करती है।
भूपर्पटी का निर्माण मुख्य रूप से सिलिका तथा एल्यूमिनियम से होता है अतः इसे SIAL परत कहते हैं।

 मेण्टल (MANTLE)

यह परत 35 KM. से 2900 KM. के बीच पाई जाती है।
इस परत का निर्माण मुख्य रूप से सिलिका तथा मैग्नीशियम से होता है अतः इसे SIMA परत कहते हैं।
इस परत का औसत घनत्व 4-6 GM /CM3 है।
यह परत मुख्य रूप से पेरिडोटाइट (PERIDOTITE) चट्‌टान की बनी है।
इस परत में पृथ्वी का सर्वाधिक आयतन तथा द्रव्यमान पाया जाता है।
इस परत में 100-200 KM. के बीच दुर्बलमण्डल स्थित है जहाँ पदार्थ अर्द्ध- तरल (SEMI- MOLTEN) अवस्था में स्थित है।
दुर्बल मण्डल के ऊपर स्थलमण्डल स्थित है अतः स्थोलमण्डल में भूपर्पटी एवं ऊपरी मेंटल सम्मिलित
स्थलमण्डल 0-100 KM. तक स्थित है।

कोर (CORE)

2900 – 6371 KM तक कोर पाई जाती है।
कोर का निर्माण मुख्य रूप से निकल तथा फेरस से होता है अतः इसे NIFE परत कहते हैं।
इस परत को दो उपभागों में बाँटा जाता है:-

बाहरी कोर 

यह परत 2900-5150 KM. के बीच पाई जाती है।
इस परत का घनत्व लगभग 10 GM./CM3 होता है।
इस परत में तापमान बढ़ने के कारण पदार्थ देव अवस्था में पाया जाता है।
अधिक तापमान के कारण आवेशित कणों का भी निर्माण होता है।
इन आवेशित कणों से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण होता है जो पृथ्वी को चुम्बकीय क्षेत्र प्रदान करता है।

आन्तरिक कोर 

यह पृथ्वी की सबसे आन्तरिक परत है जो 5150-6371 KM. तक पाई जाती हैहै।
इस परत में सर्वाधिक घनत्व पाया जाता है जो लगभग 13 GM/CM³ होता है।

हमने पृथ्वी की आंतरिक परतो के बारे में जाना था उनके घनत्व तापमान आदि के बारे में विस्तृत जानकरी प्राप्त की इसके साथ ही हमने चित्र द्वारा इनके आंतरिक काट सेक्शन को देखा हमने इस ब्लॉग के अलावा भूगोल के बहुत से टॉपिक कवर किये है जिनका फायदा आप नीचे दी गई टॉपिक पर क्लिक करके उन तक पहुच सकते है इसी के साथ, हम इस ब्लॉग पोस्ट में हमने भूकम्प  विश्वभर में वितरण जो युपीएससी एगजम के महत्वपूर्ण हैको और रोचक बनाने के लिए एक और ब्लॉग लेख का लिंक भी साझा करेंगे, यहाँ पर दी गई जानकारी हमने विकीपीडिया तथा मान्यता प्राप्त कोचिंग के नोटस से  जानकारी से प्राप्त की है

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