आग्नेय चट्टान और उसके प्रकार,आग्नेय चट्टान
नमस्कार, आज हम बात करेंगे आग्नेय चट्टान और उसके प्रकार के बारे में।
क्या आप जानते हैं?
- धरती पर मौजूद सबसे पुरानी चट्टानें आग्नेय चट्टानें ही हैं।
- ये चट्टानें धरती के आंतरिक भाग में पिघले हुए चट्टानी पदार्थ (मैग्मा) के ठंडा होने से बनती हैं।
- इनका उपयोग भवन निर्माण, मूर्तिकला, और रोड निर्माण में किया जाता है।
SSC, UPSC, और RPSC परीक्षाओं में आग्नेय चट्टानों का महत्वपूर्ण स्थान है।
इस ब्लॉग में हम:
- आग्नेय चट्टानों की परिभाषा और प्रकार
- इनके निर्माण की प्रक्रिया
- इनके विभिन्न उपयोग
- परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालेंगे।
तो तैयार हो जाइए, धरती की रचना के इस महत्वपूर्ण पहलू को समझने के लिए!
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अगले भाग में हम कायांतरित चट्टानों के विभिन्न प्रकारों पर नज़र डालेंगे।
आग्नेय चट्टान
इन चट्टानों का नाम लैटिन भाषा के शब्द ‘Ignis” से बना है जिसका अर्थ होता है- आग इन चट्टानों का निर्माण मेग्मा या लावा से होता है।
यह प्राथमिक चट्टानें होती हैं।
आग्नेय चट्टानों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :-
इन चट्टानों में crystal पाए जाते हैं।
इन चट्टानों में धात्विक खनिज पाए जाते हैं।
यह चट्टानें आसानी से अपरदित नहीं होती।
इन चट्टानों में रंध्र (Pores), परतें तथा जीवाश्म नहीं पाए जाते।
आग्नेय चट्टानों के प्रकार
ⅰ) निर्माण की स्थिति के आधार पर :-
A .अन्तर्वेधी चट्टानें :-
इन चट्टानों का निर्माण पृथ्वी के आन्तरिक भाग में होता
यह मेग्मा द्वारा बनती है।
आन्तरिक भाग में मेग्मा धीमी गति से जमता है अतः इन चट्टानो में बड़े रवो का निर्माण होता है।
यह चट्टानें दो मुख्य प्रकार की होती हैं:-
(a) पातालीय: यह चट्टानें अत्यधिक गहराई में बनती हैं। पेरिडोटाइट, ग्रेनाइट, गेब्रो (Gabbro)
(b) अधिवितलीय :-
जब ऊपर उठता हुआ मेग्मा कम गहराई में जमकर चट्टानों” का निर्माण करता है तो उन्हें अधिवितलीय चट्टानें कहते हैं।
डोलेराइट (Dalerite)
B .बहिर्वेधी चट्टानें:-
इन चट्टानों का निर्माण पृथ्वी की सतह पर लावा द्वारा होता” है।
इन चट्टानों का निर्माण ज्वालामुखी क्रियाओं के कारण होता है इन्हें ज्वालामुखीय चट्टानें कहते हैं। बसाल्ट एंडेसाइट, रायोलाइटii) रासायनिक संस्चना के आधार पर प्रकार
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आग्नेय चट्टानों का उपयोग
इन चट्टानों से खनिज प्राप्त होते हैं।
इन चट्टानों में बहुमूल्य पत्थर पाए जाते हैं जिनका उपयोग आभूषणों में किया जाता है।
ग्रेनाइट चट्टान का उपयोग भवन निर्माण सामग्री के रूप में किया जाता है।
बसाल्ट चट्टानों से काली मिट्टी का निर्माण होता है जो कपास की खेती के लिए उपयोगी होती है।
Pumice (झांवा / झामक) का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
आग्नेय चट्टान: धरती का निर्माण खंड (निष्कर्ष)
इस ब्लॉग में हमने आग्नेय चट्टानों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
आग्नेय चट्टानें धरती की रचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनकी विभिन्न विशेषताओं और उपयोगों को समझना परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष में:
- आग्नेय चट्टानें धरती पर मौजूद सबसे पुरानी और विविध प्रकार की चट्टानें हैं।
- इनका निर्माण मैग्मा के ठंडा होने से होता है।
- इनके दो मुख्य प्रकार हैं: अंतर्भेदी और बहिर्भेदी।
- इनका उपयोग भवन निर्माण, मूर्तिकला, और रोड निर्माण में किया जाता है।
- SSC, UPSC, और RPSC परीक्षाओं में आग्नेय चट्टानों का महत्वपूर्ण स्थान है।
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आशा है आग्नेय चट्टान और उसके प्रकार कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
अब आप आग्नेय चट्टानों के बारे में confidently बात कर सकते हैं!
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यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो आपको याद रखने चाहिए:
- आग्नेय चट्टानों के विभिन्न प्रकारों को उनके खनिज संरचना और बनावट के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
- कुछ महत्वपूर्ण आग्नेय चट्टानों में ग्रेनाइट, बेसाल्ट, और प्यूमिस शामिल हैं।
- आग्नेय चट्टानें धरती के इतिहास और भूगर्भ विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं।
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आग्नेय चट्टान और उसके प्रकार
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