भारत की जलीय सीमा कहाँ तक फैली है?
भारत की जलीय सीमा: SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी!
क्या आप जानते हैं भारत की जलीय सीमा कहाँ तक फैली है?
यह जानकारी SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम भारत की जलीय सीमा की विस्तृत जानकारी देंगे, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
भारत की जलीय सीमा की परिभाषा
भारत की जलीय सीमा का विस्तार
भारत की जलीय सीमा का महत्व
भारत की जलीय सीमा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
इसके अलावा, हम आपको कुछ सुझाव भी देंगे जो आपको SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं में इस विषय से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने में मदद करेंगे।
तो, चलिए शुरू करते हैं!
भारत की स्थलीय सीमा कितनी है ?
भारत की स्थलीय सीमा 15200 Km (15106.7 km.) है।
भारत की स्थलीय सीमा निम्न देशों को स्पर्श करती है:-
Bangladesh 4096.7 Km.
china- 3488 Km.
Pakistan – 3323 Km
Nepal- 1751 Km
myanmar- 1648 km
Bhutan- 699
Afghanistan – 106
भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा = रेडक्लिफ रेखा
भारत – चीन सीमा रेखा = मैकमोहन
भारत – अफगानिस्तान सीमा रेखा – Durand Line
भारत की जलीय सीमा कहाँ तक फैली है?
भारत की जलीय सीमा – 7516.6 Km
Mainland 5422.6 Km. (6100 Km.)
Island 2094 km.सर्वाधिक तटीय सीमा वाले राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश :- –
1.Andaman & Nicobar
2.Gujrat
3.Andhra Pradesh.
4.Tamil Nadu
5.Maharashtra
6.Kerala
7. Odisha
8. Karnataka
9. West Bengal
10. Lakshdweep
11. Goa
12. Pudducheroy
13. Daman & Div.
तटवर्ती/सीमावर्ती सागर :
UN Convention on Laws of Sea (UNCLOS) के अनुसार भारत की जलीय सीमा और अधिकार निम्न लिखित है
सीमावर्ती सागर (Terretorial Sea).
संलग्न सागर (Contiguous Sea)
अनन्य आर्थिक क्षेत्र Exclusive Economic Zone)
सीमावर्ती सागर
यह क्षेत्र आधार रेखा से 12nm तक स्थित है। इस क्षेत्र में भारत का एकाधिकार है।
संलग्न सागर
यह क्षेत्र आधार रेखा से 24nm तक स्थित है।
इस क्षेत्र में भारत के पास वित्तीय अधिकार है। यहाँ भारत सीमा शुल्क (Custom Duty) वसूल सकता है। ← अनन्य आर्थिक क्षेत्र :- C
यह क्षेत्र आधार रेखा से 200nm तक स्थित है।
इस क्षेत्र में भारत के पास आर्थिक अधिकार हैं तथा यहाँ भारत संसाधनों का दोहन, द्वीप निर्माण तथा अनुसंधान आदि कर सकता है।
उच्च सागर
यहाँ सभी देशों का समान अधिकार होता है।
तटवर्ती सीमा के लाभ
1 तटवर्ती सीमा दक्षिण भारत में समकारी जलवायु (Moderate Climate) का निर्माण करती हैं।
2. तटवर्ती सीमा बन्दरगाहों के निर्माण के लिए उपयोगी है। इन बन्दरगाहों के माध्यम से आयात-निर्यात अर्थात् व्यापार किया जाता है।
3. तटवर्ती सीमा भारत को विभिन्न देशों से जोड़ती है।
4. पर्यटन की दृष्टि से भी यह उपयोगी होती है।
5. महासागरीय संसाधनों तक तटवर्ती सीमा पहुँच बनाती है।
6. सुरक्षा की दृष्टि से भी तटवर्ती सीमा महत्वपूर्ण है।
तटवर्ती सीमा के नुकसान
1. सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।
2. समुद्री लुटेरों, तस्करी आदि का भी डर बना रहता है।
3. तटवर्ती सीमा के रखरखाव एवं सुरक्षा के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है।
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