हिमालय का प्रादेशिक वर्गीकरण
नमस्कार दोस्तों!
आज हम हिमालय पर्वत श्रृंखला के प्रादेशिक वर्गीकरण पर चर्चा करेंगे, जो पीएससी, आरपीएससी और एसएससी जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्वपूर्ण विषय है। हिमालय को भौगोलिक विशेषताओं के आधार पर चार मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
हिमालय पर्वतीय प्रदेश का प्रादेशिक विभाजन
- कश्मीर पंजाब हिमालय
- कुमाऊ हिमालय
- नेपाल हिमालय
- असम हिमालय
कश्मीर पंजाब हिमालय
हिमालय का यह भाग सिंधु तथा सतलज नदी के बीच स्थित है।
यह लगभग 560 km. की दूरी में विस्तृत है।
इस भाग में जास्कर, पीरपंजाल श्रेणी एवं जम्मू पहाड़ियों स्थित है।इस भाग में हिमालय की चौगई सर्वाधिक पाई जाती है।
जो लगभग 250-400 km. के बीच पाई जाती है।
यहाँ हिमालय की ऊँचाई क्रमिक रूप से बढ़ने लगती है।
कुमाऊ हिमालय
हिमालय का यह भाग सतलज से काली नदी के बीच स्थित
यह 320 km. की दूरी में विस्तृत है।
यह भाग मुख्य रूप से उत्तराखण्ड में स्थित है।
यहाँ कुछ प्रमुख चोटियाँ स्थित है :-
नंदा देवी के
केदारनाथ, बद्रीनाथ, कामेट, त्रिशूल
नेपाल हिमालय
यह भाग काली तथा तिस्ता नदी के बीच स्थित है।
यह भाग 800 km. की दूरी में विस्तृत है।
इस भाग में हिमालय की ऊँचाई सर्वाधिक पाई जाती
यहाँ कई प्रमुख ऊँची चोटियाँ पाई जाती हैं। माउण्ट एवरेस्ट कंचनजंगा (8598 m.)
यहाँ हिमालय की चौड़ाई अत्यधिक कम हो जाती है।
असम हिमालय
यह भाग तिस्ता से विहांग नदी के बीच स्थित है। यह 720 km. की दूरी में विस्तृत है। यहाँ हिमालय की चौड़ाई सबसे कम हो जाती है जो
लगभग 150 km हो जाती है। इस भाग में हिमालय की ऊँचाई क्रमिक रूप से कम होने लगती है।
हिमालय का महत्व
हिमालय पर्वत भारत को प्राकृतिक सीमा प्रदान करता है जिसके कारण भारत को एक उपमहाद्वीप की संता प्राप्त होती है। भारत की जलवायु पर भी हिमालय पर्वत का प्रभाव रहता है।हिमालय पर्वत साइबेरिया से आने वाली ठण्डी पवनों को रोकता है। यह मानसून पवनों को भारत में वर्षा करने के लिए बाध्य करते हैं। हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की बनस्पति पाई जाती है।
हिमालय का प्रादेशिक वर्गीकरण जानने के लाभ:
- यह आपको भारत के विभिन्न हिमालयी क्षेत्रों की भौगोलिक विशेषताओं को समझने में मदद करेगा।
- यह आपको विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।
- यह आपको भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को समझने में मदद करेगा।
हमने इस टॉपिक के साथ भूगोल विषय के और भी टॉपिक पर ब्लॉग लिखे है जो आपके एस एस सी और upsc के लिए मददगार साबित हो सकते है जिसकी लिंक नीचे दी गई है
अन्य भूगोल के टॉपिक की लिस्ट
वृहत हिमालय,मध्य हिमालय,शिवालिक और घाटियाँ
ट्रांस हिमालय में काराकोरम,लद्दाख,जास्कर
भारत का अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार कितना है
प्रमुख ठंडी और गरम महासागरीय धाराए मानचित्र सहित व्याख्या
विश्व की स्थानीय पवनें और संबधित देश
भूकंप कारण – P, S, L तरंगे, विश्व में वितरण upsc 2024
भारत में भूकंप और उनके जोन upsc नोट्स 2024
क्या है क्रस्ट,मेंटल और कोर upsc नोट्स 2024
अधिक जानकारी के लिए:
- NCERT भूगोल की पाठ्यपुस्तक
- विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पुस्तकें
- ऑनलाइन संसाधन और वेबसाइटें
निष्कर्ष:
हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नदियों, जंगलों और खनिज संसाधनों का स्रोत है। हिमालय का प्रादेशिक वर्गीकरण आपको इस क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं को समझने और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।