अवसादी चट्टान प्रकार और उदाहरण
SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं के लिए अवसादी चट्टानों का महत्व
अवसादी चट्टानें धरती के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। लाखों सालों से जमा हुए अवसादों से बनी ये चट्टानें, धरती के भूगर्भ और भू-आकृति के बारे में अनमोल जानकारी प्रदान करती हैं। SSC, UPSC और PSC जैसी परीक्षाओं में, अवसादी चट्टानों का गहन ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि ये परीक्षाएं भारत के भूगोल और भूगर्भ विज्ञान पर आधारित होती हैं।
अवसादी चट्टानें
इन चट्टानों का नाम लैटिन, भाषा के शब्द ‘ Sedimentum” से बना है जिसका अर्थ होता है- व्यवस्थित होना यह चट्टानें अवसादों के निक्षेपण से बनती है।
इन चट्टानों का निर्माण शिलीभवन (Lithijication) की क्रिया से होता है।शिलीभवन की प्रक्रिया के दौरान पहले से स्थित चट्टानों का अपक्षय होता है। इन चट्टानों के विखण्डित खण्ड एक स्थान से इसरे स्थान तक अपरदित होते हैं तथा उस स्थान पर यह खण्ड निक्षेपित होते हैं जिनके सघन होने से चट्टानें बनती हैं।
अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ :-
इन चट्टानों में रंध्र, परतें तथा जीवाश्म पाए जाते हैं।
यह चट्टानें आसानी से अपरदित हो जाती है।
यह चदट्टानें पृथ्वी के लगभग 75% भूपर्पटी वाले क्षेत्र में पाई जाती है परन्तु यह भूपर्पटी के निर्माण में केवल 5% का योगदान करती है।
अवसादी चट्टान प्रकार और उदाहरण :-
निर्माण की पद्धति के आधार पर :-
1. यांत्रिक रूप से निर्मित अवसादी चट्टान :-
इन चट्टानों का निर्माण यांत्रिक गतिविधियों के कारण होता है।
इसके अन्तर्गत पहले से स्थित चट्टान के विखण्डित खण्डों के निक्षेपण से अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है।- इन चट्टानों में कोई रासायनिक परिवर्तन नहीं होता। इन्हें खण्ड चस्टानें ( Clastic Rocks) भी कहते हैं।
e.g Sandstone, Shale (Clay श्रीका), Conglomerate (पिण्डशिला गोल पिण्डों से निर्मित), Breccia (बेशिया कोणीय खण्डों से निर्मित)2. जैविक रूप से निर्मित अवसादी चट्टान :–
वह अवसादी चट्टानें जिनमें जैविक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है, उन्हें जैविक रूप से निर्मित चट्टानें कहते हैं।
यह चस्टानें दो प्रकार की होती है:-कार्बन युक्त चट्टानें ( (Carbonaceous Rocks) :-इन चट्टानों में पेड़-पौधों के अवशेष पाए जाते हैं।
इस प्रकार की चट्टानों में कार्बन की मात्रा अधिक पाई जाती है।चूना युक्त चट्टानें । Calcareous Rocks):-
इन चट्टानों में जीव-जन्तुओं के अवशेष पाए जाते हैं। इनमें CaCO3 की मात्रा अधिक होती है।
Limestone, Dolomite.
3. रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी चट्टानें :-
इन चट्टानों का निर्माण जल में घुलनशील पदार्थ के किसी जलराशि में जाकर निक्षेपित होने से होता है।
ऐसी चट्टानें जलराशियों के तल में बनती हैं तथा कई बार जल के वाष्पीकृत हो जाने के बाद यह सतह पर नजर आती है।
अतः इन्हें वाष्पीकृत चट्टानें कहते हैं।
e.g. Chert, Halite. Crypsum. Limestone, Dolomite (सेंधा नमक)
(II) निर्माण के स्रोत के आधार पर :-
1. जलीय चट्टानें :-
जलराशियों में बनने वाली अवसादी चट्टानों को जलीय चट्टान
यह चट्टानें नदीकृत (Riverine), झीलकृत (Lacusbune तथा समुद्री (Marine) चट्टानें होती है।
eg. Chert. Halite. Crypsum, Limestone. Dolomite2. वायु द्वारा निर्मित अवसादी चट्टानें :–
वायु की अपरदन एवं निक्षेपण गतिविधियों से बनने वाली चट्टानों को वायु द्वारा निर्मित चट्टान कहते है।
e.g.Loess (लोयस)3. हिमानी चट्टानें :-
हिमनद की अपरदन एवं निक्षेपण गतिविधियों से बनने बाली चट्टान को हिमानी चट्टान कहते हैं। हिमोढ़ ( Moraine)
अवसादी चट्टानों के उपयोग :-
इन चट्टानों में खनिज तथा जीवाश्म ईंधन पाए जाते है।
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि शेल चट्टानों में शेल गैस पाई जाती है।
चूना पत्थर चट्टानों का उपयोग सीमेंट निर्माण, चॉक निर्माण तथा लौह इस्पात उद्योग में किया जाता है।
जिप्सम का उपयोग उर्वरकों एवं सीमेंट उद्योग में किया जाता है।
हैलाइट का उपयोग रासायनिक उद्योग में किया जाता है।आग्नेय चट्टानो के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करे
अवसादी चट्टानों का महत्व:
- खनिज संपदा: अवसादी चट्टानें खनिज संपदा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इनसे कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस, लोहा, तांबा, सोना, और अन्य खनिज प्राप्त होते हैं।
- जीवाश्म: अवसादी चट्टानें जीवाश्मों का भी महत्वपूर्ण स्रोत हैं। जीवाश्मों का अध्ययन करके वैज्ञानिक धरती के इतिहास और जीवन के विकास के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
- भूगर्भ विज्ञान: अवसादी चट्टानों का अध्ययन करके वैज्ञानिक धरती के भूगर्भ और भू-आकृति के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष:
अवसादी चट्टानें धरती के इतिहास और भूगर्भ विज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। SSC, UPSC और PSC जैसी परीक्षाओं में अवसादी चट्टान प्रकार और उदाहरण का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हमने अवसादी चट्टानों के प्रकार, उदाहरण और महत्व के बारे में जानकारी दी है।
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अतिरिक्त जानकारी:
यह ब्लॉग पोस्ट SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए उपयोगी है।
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