अक्षांश और देशांतर रेखा क्या है ?
अक्षांश देशान्तर (LATITUDE & LONGITUDE)
अक्षांश और देशांतर रेखा क्या है ? इस तरह के सवाल आपने देखे होंगे आज हम उनके के बारे में विशातर से जानेंगे । अक्षांश को पृथ्वी के ग्लोब पर भूमध्य रेखा से किसी स्थान की उत्तर-दक्षिण दूरी के रूप में दर्शाया जाता है। इसे डिग्री (°), मिनट (‘) और सेकंड (“) में मापा जाता है। भूमध्य रेखा को 0° अक्षांश के रूप में लिया जाता है, और उत्तर ध्रुव 90° उत्तर और दक्षिण ध्रुव 90° दक्षिण में दर्शाया जाता है ।
देशांतर को किसी विशेष स्थान की पूर्व-पश्चिम दूरी के रूप में दर्शाया जाता है, जिसे ग्रीनविच, इंग्लैंड के माध्यम से गुजरने वाली काल्पनिक रेखा प्राइम मेरिडियन से मापा जाता है। इसी तरह, इसे भी डिग्री, मिनट और सेकंड में मापा जाता है। प्राइम मेरिडियन को 0° देशांतर के रूप में दर्शाया जाता है, और पूर्व की ओर बढ़ने वाले स्थानों का देशांतर 180° पूर्व तक जाती है है, जबकि पश्चिम की ओर बढ़ने वाले स्थानों का देशांतर 180° पश्चिम तक जाती है।
अक्षांश तथा देशान्तर पृथ्वी पर किसी भी स्थान की विशिष्ट स्थिति के निर्धारण में सहायक होते हैं।
अक्षांश तथा देशान्तर पृथ्वी पर एक रेखा तंत्र का निर्माण करते हैं।
अक्षांश
पृथ्वी की सतह पर किसी स्थान का अक्षांश उसकी विषुवत रेखीय तल से कोणीय दुरी दर्शाता है। पृथ्वी पर कुल 181 मानक अक्षांश दर्शाये जाते हैं।
अक्षांशीय रेखाएँ 179 होती हैं क्योंकि ध्रुवों पर केवल बिन्दुमात्र होता है।अक्षांशीय रेखाएँ एक सम्पूर्ण वृत्त का निर्माण करती है।
दो अक्षांशीय रेखाओं के बीच लगभग 111 km. की दूरी होती है।
अक्षांश रेखाएँ समानान्तर होती हैं।
ध्रुवों की और जाने पर अक्षांशीय रेखाओं की लम्बाई कम होती है।0-30 = निम्न अक्षांश (Lower)
30-60 = मध्य (Middle )
60-90 = उच्च (High)
देशान्तर
पृथ्वी की सतह पर किसी भी स्थान का देशान्तर उस स्थान की प्रधान मध्याहन रेखीय तल से कोणीय दूरी दर्शाता है।
पृथ्वी पर कुल 361 मानक देशान्तर मापे जाते हैं।
देशान्तरीय रेखाएँ 360 होती हैं क्योंकि 180 E तथा 180 W की रेखा एक ही होती है।
देशान्तर रेखाएँ अर्द्धवृत्त का निर्माण करती है।देशान्तर रेखाओं के बीच की दूरी ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर जाने पर कम होती है।
देशान्तर रेखाओं के बीच सर्वाधिक इरी विषुवत रेखीय क्षेत्रों में होता है ( 111 km.)
सभी देशान्तर रेखाओं की लम्बाई समान होती है।
देशान्तर का उपयोग स्थानीय समय गणना के लिए किया जाता है।स्थानीय समय गणना
स्थानीय समय गणना के लिए 1884 में अन्तर्राष्ट्रीय देशांतर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन के दौरान ग्रीनविच (UK) से गुजरने वाली रेखा को प्रधान मध्याहन रेखा माना गया तथा ग्रीनविच के समय को अन्तर्राष्ट्रीय समय घोषित किया गया।
इसे Greenwich Mean Time (GMT) कहते हैं।
अन्य देशों के समय गणना जला के सापेक्ष की जाती हैं।
प्रधान मध्याहन रेखा (ग्रीनविच रेखा) निम्न देशों से गुजरती है :-UK ,France ,Burkina Faso, Spain , Ghana , Togo , Algeria , Antarctica, Mali
पृथ्वी को 150 के 24 कालखण्डों ( time Zones) में विभाजित किया जाता है। स्थानीय समय गणना के लिए देश एक मानक देशान्तर चुनते हैं। यह देशान्तर सामान्यतः 15 या 7½ से विभाजित होता है।
भारत का मानक समय गणना का देशान्तर 82 ½ E है।
भारत का समय GMT से 5½ घण्टे आगे है। विभिन्न देशों के एक से अधिक कालखण्ड होते हैं:-
France =12
USA =11
Russia =11
Antarctica =10
UK 9
Australia= 8
International Date Line (अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा)
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा 180 देशान्तर के समानान्तर चलती है।
यह रेखा 3 स्थानों पर विचलित होती है :-
1. पूर्वी साइबेरिया
2. अल्यूशियन द्वीप
3. प्रशान्त महासागरीय द्वीप
तिथि रेखा को पूर्व से पश्चिम की ओर पार करने पर एक तिथि बढ़ जाती है।
इस रेखा को पूर्व से पश्चिम की ओर पार करने पर एक दिन का नुकसान होता है।
उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
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