अरुणाचल प्रदेश के लोक नृत्य,रिखमपाड़ा कहाँ का नृत्य है ,बारडो छमकहाँ का नृत्य है ,बुईआ नृत्य कहाँ का नृत्य है,बुईआ नृत्य कहाँ का नृत्य है ,खांपटी नृत्य कहाँ का नृत्य है ,तापु नृत्य कहाँ का नृत्य है ,वांचो कहाँ का नृत्य है ,दामिंडा डांस कहाँ का नृत्य है ,पोंग नृत्य कहाँ का नृत्य है ,पॉपीर कहाँ का नृत्य है ,पोनुंग कहाँ का नृत्य है,पासी कोंगकी कहाँ का नृत्य है ,अजी ल्हामू कहाँ का नृत्य है
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है हम एक ऐसे राज्य के लोक नृत्य के बारे में चर्चा करेंगे जो भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है – अरुणाचल प्रदेश।और जानेंगे अरुणाचल प्रदेश के लोक नृत्य
अरुणाचल प्रदेश के लोक नृत्य (Folk Dances of Arunachal Pradesh)
यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ के नृत्य जीवंत, रंगीन और जीवन की ऊर्जा को दर्शाते हैं।
रिखमपाड़ा कहाँ का नृत्य है
यह नोकुम उत्सव के दौरान नियति जनजाति द्वारा जो सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है इस नृत्य में गीतों द्वारा देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है यह नृत्य समुदाय के प्राचीन पूर्वज “अबोटानी”द्वारा बन गया था
बारडो छम कहाँ का नृत्य है
अरुणाचल प्रदेश में किया जाता है इसमें कलाकार मुखोटे पहनकर अच्छे व बुरे के बीच लड़ाई को चित्रित करते है
बुईआ नृत्य कहाँ का नृत्य है
यह नृत्य अरुणाचल प्रदेश में अइप्या, तज़म्पु और तनुया त्यौहार पर किया जाता है इसमें कोई परिवार गांव वालों को भोजन करता है और उनके मनोरंजन के लिए नृत्य करता है
खांपटी नृत्य कहाँ का नृत्य है
यह नृत्य अरुणाचल प्रदेश में पोपट, संकियन या खमसांग जैसे धार्मिक उत्सव के दौरान किया जाता है यह सिर्फ खाप्ती समुदाय द्वारा किया जाता है
अरुणाचल प्रदेश का नृत्य है इसमें कलाकार मुखौटे पहनकर अच्छे व बुरे के बीच लड़ाई को चित्रित करता है
तापु नृत्य कहाँ का नृत्य है
अरुणाचल प्रदेश का युद्ध नृत्य है इसमें मनुष्य के जीवन के संघर्ष का चित्रण होता है
वांचो कहाँ का नृत्य है
अरुणाचल प्रदेश में विशेष महत्व रखता है यह वंशु जनजाति द्वारा किया जाता है तैयारों और उत्सवों पर क्या जाने वाला नृत्य है
दामिंडा डांस कहाँ का नृत्य है
यह पत्नी जनजाति द्वारा किया जाता है यह चावल के रूप में के मौसम में जस्ट मनाया जाता है इसमें लोग फसल के अच्छे होने तथा प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए कामना करते हैं
पोंग नृत्य कहाँ का नृत्य है
यह एक फसल नृत्य है अरुणाचल की युवतियों एक दूसरे के हाथ पकड़कर गोल घेरा बनाकर करते हैं इसमें पौराणिक गीत गाते हैं जो धान व फसलों का वर्णन करता है
पॉपीर कहाँ का नृत्य है
यह जनजाति नृत्य है इसमें देवी मोपिन की प्रार्थना के लिए किया जाता है इसे देवी मोपिन की प्रार्थना के लिए किया जाता है जो उड़ता वह समृद्धि का प्रतीक है उग्रता व समृद्धि का प्रतीक है यह अरुणाचल की जेलो जनजाति द्वारा किया जाता है
पोनुंग कहाँ का नृत्य है
यह नृत्य अरुणाचल का जनजाति नृत्य है इसमें एक पुरुष बीच में खड़ा हो जाता है जिसे मिरी कहते हैं वह योक्षा नमक वाद्य यंत्र बजाता है जो तलवार के आकार का होता है उसकी धुन में उसके चारों तरफ युवतियां नृत्य करती है यह भी अच्छी फसल की कामना करने के लिए किया जाता है
पासी कोंगकी कहाँ का नृत्य है
यह पासी जनजाति द्वारा अरुणाचल प्रदेश में किया जाता है इसमें वह आबांग गीत पर नृत्य करती हैं यह जनजाति अपने जीवन के होने वाली कठिनाइयां व संघर्षों का वर्णन करती है
चलो कहाँ का नृत्य है
यह अरुणाचल प्रदेश में नोक्टे जनजाति द्वारा नौकरी द्वारा किया जाने वाला नृत्य है यह लोक उत्सव के दौरान अक्टूबर नवंबर में किया जाता है यह मौसम की शुरुआत में फसल बोने व समृद्धि के लिए किया जाता है
अजी ल्हामू कहाँ का नृत्य है
यह लोसर उत्सव के दौरान अरुणाचल प्रदेश में तवांग की मोनपा जनजाति द्वारा किया जाता है इसमें पांच पात्र होते हैं जिसमें दो महिलाएं होती हैं इसमें नायक को न्यापा व खलनायक को न्याओ कहा जाता है
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यहाँ पर दी गई सभी जानकारी विकिपीडिया तथा उत्तराखंड के सरकारी वेबसाइट से ली गई है