भारत की सभी प्रायद्वीपीय नदियाँ

भारत की सभी प्रायद्वीपीय नदियाँ

भारत में अपवाह तंत्र को महान जल विभाजक तथा नदी के उद्गम के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
महान जल विभाजक उस ऊँचे उठे हुए भाग को कहते हैं जो दो क्षेत्रों के नदियों के जल के प्रवाह को अलग करता है।

भारत का महान जल विभाजक मानसरोवर झील से प्रारम्भ होकर अरावली, विंध्याचल, सतपुरा तथा प. घाट के  रूप में कन्याकुमारी तक विस्तृत है। आज हम भारत की सभी प्रायद्वीपीय नदियाँ और उनकी सहायक नदियों के बारे में विस्तार से जानेंगे

 

भारत की सभी प्रायद्वीपीय नदियाँ

 

स्वर्णरेखा

उद्‌गम झारखण्ड में राँची के पगर से होता है तथा यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
यह नदी नदमुख का निर्माण करती है।
इस नदी के वैसिन में सोने के प्लेसर निक्षेप पाए जाते
इस नदी के किनारे जमशेदपुर शहर स्थित है

महानदी

इस नदी का उद्‌गम दण्डकारण्य पठार के पदेन क्षेत्रों से छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से होता है।
उड़ीसा से होती हुई यह नदी बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
यह नदी कटोरे के आकार का बेसिन बनाती है।

छत्तीसगढ़ में इस नदी के बेसिन क्षेत्र में चावल की खेती की जाती है।
उडीसा में इस नदी पर हीराकुण्ड बाँध स्थित है जो भारत का सबसे लम्बा बाँध है।
इस नदी के डेल्टा क्षेत्र में राष्ट्रीय जलमार्ग – 5 स्थित है। इस नदी के किनारे उड़ीसा के कुछ प्रमुख शहर स्थित है।
भुवनेश्वर, कटक, पुरी

इस नदी की प्रमुख दाँये हाथ की सहायक नदियाँ हैं

तेल, ओंग

इसकी प्रमुख बाएँ हाथ की सहायक नदियाँ है

इब, मंद, हसदो श्योनाथ

गोदावरी

इस नदी का उद्‌गम महाराष्ट्र में कलसुबाई चोटी क्षेत्र में स्थित त्रिम्बक पठार से होता है।
यह दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है [ 1465 Km.]
यह भारत की दूसरी सबसे लम्बी नदी है तथा भारत में दूसरे सबसे बड़े बेसिन का निर्माण करती है।
यह नदी MH, तेलगांना तथा AP से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

इसे वृद्ध गंगा तथा दक्षिणी गंगा भी कहते हैं।
आन्ध्र प्रदेश में इस नदी पर पोलावरम बाँध स्थित
इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नलिखित है:

इसकी प्रमुख बाएँ हाथ की सहायक नदियाँ है

पूर्णां
पेनगंगा
वेनगंगा
प्राणहिता
इन्द्रावती

इसकी प्रमुख दायें हाथ की सहायक नदियाँ है

प्रवारा
मंजीरा
सिलेस

सिलेस नदी पर उड़ीसा में बालिमेला परियोजना स्थित है।

कृष्णा नदी

इस नदी का उद्‌गम महाबलेश्वर चोटी से महाराष्ट्र में होता तथा यह नदी बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

इस नदी की बाँये हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ :-
भीमा, मूसी

मूसी नदी के किनारे हैदराबाद शहर स्थित है।

इसकी प्रमुख दाँये हाथ की सहायक नदियाँ

कोयना, घाटप्रभा मालप्रभा तथा तुंगभद्रा

कोयना नदी पर महाराष्ट्र में शिवाजी सागर बाँध स्थित है।

तुंगभद्रा नदी पर कर्नाटक में तुंगभद्रा बाँध स्थित है।
कृष्णा नदी पर तेलगांना मैं नागार्जुन सागर बाँध स्थित है।

कावेरी नदी

इस नदी का उद्‌गम पश्चिम घाट की ब्रह्मगिरी पहाड़ियों से होता है।
यह नदी कर्नाटक तथा IN से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
यह सदावाहिनी नदी है।

द. भारत का अन्न का कटोरा इस नदी के बेसिन में चावल की खेती की जाती है।
कर्नाटक में इस नदी पर कृष्णराज सागर बाँध तथा शि 188 जलप्रपात स्थित है।
TN में इस नदी पर मेदुर बाँध, होंगेनक्कल जलप्रपात तथा श्रीरंगम् नदी द्वीप स्थित है।

इस नदी की बाँये हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ है

हेमावती, अरकावती

इसकी दायें हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ –

लक्ष्‌मणतीर्थ, कबानी, भवानी, अमरावती .वेगई

मदुरई शहर वेगई नदी के किनारे स्थित है।

लुनी

लूनी नदी का उद्गम अरावली पर्वत की नाग पहाड़ियों से होता है।
यह नदी कच्छ के रन तक जाती है।
बाड़मेर में बालोतरा नामक स्थान तक इसका जल मीठा है तथा बाद में इस नदी का जल खारा हो जाता है।

इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ

लीलड़ी, सुकड़ी, जोजड़ी, जवाई, खारी, बांडी

साबरमती

इस नदी का उद्‌गम अरावली पर्वत से होता है तथा यह खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
इस नदी के किनारे गाँधीनगर तथा अहमदाबाद शहर स्थित है।
यह नदी कर्क रेखा को एक बार काटती है।

माही

इस नदी का उद्‌गम विंध्याचल पर्वत से होता है तथा यह खम्भात की खाड़ी में करती है।
यह नदी MP, राजस्थान तथा गुजरात से गुजरती है। राह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है।
बाँसवाड़ा में इस नदी पर माही बजाज सागर बाँध स्थित है।

नर्मदा

इस नदी का उद्‌गम अमरकंटक से होता है तथा यह खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
यह नदी विंध्याचल तथा सतपुरा श्रेणी के बीच, भ्रंश घाटी से बहती है।
जबलपुर के पास इस नदी पर धुँआधार तथा कपिलधारा जल प्रपात स्थित है।

घुँआधार जल प्रपात को संगमरमर जल प्रपात भी कहते हैं।
MP में इस नदी पर इन्दिरा सागर परियोजना स्थित है जिससे बनने वाला इन्दिरा सागर जलाशय भारत का सबसे बड़ा मानव निर्मित जलाशय / झील है। MP में इस नदी पर ओंकारेश्वर तथा महेश्वर परियोजनाएँ भी स्थित हैं। गुजरात में इस नदी पर सरदार सरोवर परियोजना स्थित है जो MH- गुजरात – MP तथा राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।
यह नदी एक नदमुख बनाती है तथा गुजरात का भरूच शहर” इस नदी के किनारे स्थित है।

इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नलिखित है

इस नदी की बाँये हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ है

तवा, छोटा तवा , कुंडी

इसकी दायें हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ

हिरन

तापी

इस नदी का उद्‌गम बेतुल के पठार से होता है तथा है।” यह खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
यह नदी सतपुरा तथा अजन्ता श्रेणी के बीच स्थित भ्रश घाटी से बहती है।
इस नदी के किनारे गुजरात का सूरत शहर स्थित है।
यह नदी एक नदमुख का निर्माण करती है। गुजरात में इस नदी पर उकाई तथा काकरापारा परियोजना स्थित है।

पोन्नानी

इसे भरतपूजा नदी भी कहते हैं। इस नदी का उद्‌गम अन्नामलाई पहाड़ियों से होता है तथा यह अरब सागर में गिरती है।
यह केरल की सबसे बड़ी नदी है इसे केरल की नील नदी कहते हैं।

पेरियार

इस नदी का उद्गम अन्नामलाई पहाड़ियों से होता है तथा यह अरब सागर में गिरती है।
यह केरल की सबसे लम्बी नदी है।
इसे केरल की जीवनरेखा भी कहते हैं। केरल में इरा नदी पर इडुक्की बाँध स्थित है।

 

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