भारत के विशाल मैदान का भौतिक विभाजन-(SSC, UPSC और PSC छात्रों के लिए notes)

भारत के विशाल मैदान का भौतिक विभाजन notes

नमस्कार! आज हम भारत के उत्तरी मैदान के बारे में बात करेंगे, जो कि देश का सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है। यह मैदान हिमालय और दक्षिण भारत के पठारी क्षेत्रों के बीच स्थित है और इसकी विशालता, उपजाऊ मिट्टी और जल संसाधनों के कारण, यह भारत के कृषि उत्पादन का केंद्र है।

विभाजन:

उत्तरी मैदान को विभिन्न भौगोलिक विशेषताओं के आधार पर कई उप-क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख उप-क्षेत्र हैं:

विशेषताएं:

  • उपजाऊ मिट्टी: उत्तरी मैदान की मिट्टी जलोढ़ मिट्टी है जो बहुत उपजाऊ होती है।
  • जल संसाधन: इस क्षेत्र में नदियों, नहरों और झीलों का जाल है जो सिंचाई और अन्य उपयोगों के लिए पानी प्रदान करता है।
  • समतल भूभाग: इस क्षेत्र का भूभाग समतल है जो कृषि और अन्य गतिविधियों के लिए अनुकूल है।
  • अनुकूल जलवायु: इस क्षेत्र में उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है जो कृषि के लिए अनुकूल है।

मानचित्र:

उत्तरी मैदान का मानचित्र SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं में महत्वपूर्ण है। यह मानचित्र आपको विभिन्न उप-क्षेत्रों, नदियों, और अन्य भौगोलिक विशेषताओं को समझने में मदद करेगा।

उत्तरी मैदानी प्रदेश

इस मैदानी प्रदेश का निर्माण नदियों द्वारा जमा किए गए अवसादों से होता है।
यह विश्व के सबसे विस्तृत जलोद मैदान है। यह भारत का नवीनतम प्रदेश है।

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

इस अत्यधिक उपजाऊ मैदान का उपयोग कृषि के लिए किया जाता है तथा यहाँ सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है।
यह प्रदेश लाख वर्ग किमी. क्षेत्र में विस्तृत है।
इस मैदानी प्रदेश की चौड़ाई लगभग 240-320 Km. पाई जाती है।
इन मैदानों में जलोढ़ अवसादों का जमाव 2000 m. की गहराई तक पाया जाता है।
यह समतल मैदान है जिनका ढाल मन्द है ।

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र
1. Rajasthan Plains
2. Satluj Plains
3. Ganga Plains
4. Brahmaputra Plains

राजस्थान के मैदान 

यह अरावली पर्वत के पश्चिम में स्थित मैदान है।
इन मैदानों की प्रमुख नदी लूनी है यहाँ अर्द्ध – शुष्क तथा शुष्क परिस्थितियाँ पाई जाती है।
इस मैदानी क्षेत्र में बहुत सी लवणीय झील स्थित है। वर्षा के आधार पर इस मैदानी प्रदेश के दो भांग है
राजस्थान बांगर
मरुस्थली

राजस्थान बांगर 

यह भाग अरावली पर्वत तथा 25 cm. समवर्षा (Isohyte) रेखा के बीच स्थित है।
इस क्षेत्र में लगभग 25 से 50 cm. वर्षा प्राप्त होती है।
अर्ध- शुष्क परिस्थितियों पाई जाती है।

मरुस्थली 

यह भाग 25 cm. समवर्षा रेखा के पश्चिम में स्थित है।
यहाँ 25 cm. से कम वर्षा प्राप्त होती है अतः यहाँ मरुस्थली परिस्थितियाँ पाई जाती हैं।

दोआब दो नदियों के बीच पाए जाने वाला उपजाऊ मैदान

सतलज के मैदान 

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

इस मैदान का निर्माण रावी. व्यास तथा सतलज नदी द्वारा होता है।
यह मैदान मुख्य रूप से पंजाब तथा हरियाणा में स्थित है।
इस मैदानी प्रदेश में दोआब पाए जाते हैं।
वारी तथा बिस्त
सतलज तथा घग्घर नदी के बीच मालवा के मैदान स्थित है। घग्घर तथा यमुना के बीच हरियाणा भिवानी वागर स्थित है
इस मैदानी प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादकता पाई जाती है।

 गंगा के मैदान 

3. गंगा के मैदान :- इस मैदान का निर्माण गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा होता है। इस मैदान का दाल NW से SE की ओर है। यह मैदान मुख्य रूप से UP, बिहार तथा प. बंगाल में स्थित है। इस मैदान के विभिन्न प्रादेशिक नाम है- UP के पश्चिमी भाग मे यह भारत के सबसे विस्तृत मैदान है तथा यहाँ सर्वाधिक उत्पादन पाया जाता है।
इस मैदान का निर्माण गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा होता है।
इस मैदान का दाल NW से SE की ओर है।
यह मैदान मुख्य रूप से UP, बिहार तथा प. बंगाल में स्थित है।
इस मैदान के विभिन्न प्रादेशिक नाम है-
UP के पश्चिमी भाग मे
यह भारत के सबसे विस्तृत मैदान है तथा यहाँ सर्वाधिक उत्पादन पाया जाता है।

ब्रह्मपुत्र के मैदान 

इस मैदान का निर्माण ब्रह्मपुत्र तथा उसकी सहायक
नदियों द्वारा होता है। इस मैदान का दाल उ. पू. से द. प. की ओर है। ←
यह मैदान मुख्य रूप से असम में स्थित है।
यह संकरे मैदान है।
इन मैदानों का उपयोग चावल तथा पटसन (Jute) की खेती के लिए किया जाता है।

अन्य दोआब 

3. गंगा के मैदान :- इस मैदान का निर्माण गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा होता है। इस मैदान का दाल NW से SE की ओर है। यह मैदान मुख्य रूप से UP, बिहार तथा प. बंगाल में स्थित है। इस मैदान के विभिन्न प्रादेशिक नाम है- UP के पश्चिमी भाग मे यह भारत के सबसे विस्तृत मैदान है तथा यहाँ सर्वाधिक उत्पादन पाया जाता है।

निष्कर्ष:

भारत का उत्तरी मैदान देश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कृषि उत्पादन, आर्थिक विकास और जनसंख्या घनत्व का केंद्र है। SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं में सफल होने के लिए, आपको इस क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं, विभाजन और मानचित्र की अच्छी समझ होनी चाहिए।

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अतिरिक्त जानकारी:

  • आप NCERT की कक्षा 9वीं की पाठ्यपुस्तक “भारत: भौतिक स्वरूप” से उत्तरी मैदान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • आप विभिन्न सरकारी वेबसाइटों जैसे कि UPSC और PSC की वेबसाइटों से भी उत्तरी मैदान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

भारत के उत्तरी मैदान विभाजन विशेषताएँ मानचित्र

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