ब्रह्मपुत्र नदी का मानचित्र

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ब्रह्मपुत्र नदी का मानचित्र

ब्रह्मपुत्र नदी का मानचित्र –जिस निश्चित मार्ग में जल का प्रवाह होता है उसे नदी का अपवाह कहते हैं। नदी तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा एक तंत्र का निर्माण होता है जिसे अपवाह तंत्र कहते हैं।जिस क्षेत्र से नदी हिमनद या वर्षा का जल प्राप्त करती है उसे नदी का बेसिन क्षेत्र कहते हैं। बेसिन क्षेत्र को नदी का जलग्रहण क्षेत्र, भी कहते हैं।
छोटी नदियों का बेसिन – Watershed

ब्रह्मपुत्र नदी का मानचित्र

भारत में अपवाह तंत्र को महान जल विभाजक तथा नदी के उद्गम के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। महान जल विभाजक उस ऊँचे उठे हुए भाग को कहते हैं जो दो क्षेत्रों के नदियों के जल के प्रवाह को अलग करता है। भारत का महान जल विभाजक मानसरोवर झील से प्रारम्भ होकर अरावली, विंध्याचल, सतपुरा तथा प. घाट के  रूप में कन्याकुमारी तक विस्तृत है।

ब्रह्मपुत्र अपवाह तंत्र 

ब्रह्मपुत्र नदी का मानचित्र
यह अपवाह तंत्र मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थित है। ब्रह्मपुत्र का नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 5.8 लाख km² है। →
भारत में 1.94 लाख km² जलग्रहण क्षेत्र है। इस नदी की कुल लम्बाई 2900 Km है।
[ 1700 Km तिब्बत 900 Km. 300 Km. भारत बांग्लादेश ]
इस नदी का उद्‌गम तिब्बत के पठार से विभिन्न हिमनदों द्वारा होता है।
चेमायुंगडुंग, यारलुंग, आंग्सी

यह नदी नामचा बरवा के पास एक गहरी घाटी के माध्यम से भारत में प्रवेश करती है।
इस नदी का मार्ग गुंधित (Braided) हैं तथा इसमें विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली (असम) स्थित है। भारत में सर्वाधिक जल विद्युत उत्पादन क्षमता इसी नदी में पाई जाती है।

इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ निम्नलिखित है:-

ब्रह्मपुत्र की बाएँ हाथ की नदियाँ

तिस्ता
मानस
सुबनसिरी

ब्रह्मपुत्र की दायें हाथ की नदियाँ

दिबांग
लोहित
दिसांग
धनश्री

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