क्यों आते है भूकम्प ? कारण प्रकार और सिद्धांत
आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग “क्यों आते है भूकम्प ? कारण प्रकार और सिद्धांत” में! यह ब्लॉग आपको भूकंप के प्रकार , कारण , वितरण और स्थानों के बारे में बताएँगे जो आपको (युपीएससी) तथा स्टेट पी एस सी में पूछे जायेंगे
जब हम भूकम्प पर विचार करते हैं, तो यह एक गंभीर और चुनौतीपूर्ण विषय है जिसने समुद्र तटों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों तक विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रभाव बनाये हुवे है । इस ब्लॉग ” क्यों आते है भूकम्प ? कारण प्रकार और सिद्धांत ” में हमने साथ चित्र भी दिया है जिससे आप इसको आप आसानी से समझ सकते है
भूकम्प के प्रमुख कारण
भूकंप के प्रमुख कारणों को दो भागो में बाँट गया है
प्राक्रतिक
मानव जन्य कारक
प्राकृतिक कारक :-
विवर्तनिकी गतिविधियाँ:-
- प्लेटों की गति के कारण भूकम्प आते हैं।
अभिसारी प्लेट किनारों पर उच्च तीव्रता के भूकम्प आते है
अपसारी तथा संरक्षित प्लेट किनारों पर मध्यम से निम्न
तीव्रता के भूकम्प आते हैं। अधिकतम भूकम्प प्लेट किनारों वाले क्षेत्र में आते हैं।ज्वालामुखी :-
- ज्वालामुखी उद्गार के दौरान होने वाले विस्फोट के दौरान भूकम्प आते हैं।
भ्रंश निर्माण :-
किसी भूभाग में दो विपरीत दिशाओं में बल लगने पर भ्रंश का निर्माण होता है तथा भ्रंश निर्माण के समय मुक्त होने वाली उर्जा से भूकम्प आते हैसमस्थितिक समायोजन :-
पृथ्वी का समस्थितिक सन्तुलन बिगड़ने पर पृथ्वी रचनात्मक गतिविधियों द्वारा इसे पुनः बनाने का प्रयास करती है जिसके कारण भूकम्प आते हैं अतः अधिकतम भूकम्प पर्वतीय क्षेत्रों एवं तटवर्ती क्षेत्रों में आते हैं।
प्रत्यास्थ पुनश्चलन सिद्धान्त :-
यह सिद्धान्त प्रोफेसर रीड (reed) द्वारा दिया गया था।
इस सिद्धान्त के अनुसार चट्टानें रबड़ की भाँति खिंचती है। किसी चट्टान पर विपरीत दिशा में बल लगने पर एक सीमा तक चट्टान रबड़ की भाँति खिंचती है तथा उसके बाद टूटकर अलग हो जाती है। टूटने के बाद विकृत चट्टान पुन: अपना आकार ग्रहण करती है। झटके के साथ आकार में परिवर्तन के कारण भूकम्प आते हैं।भूपटल का संकुचन :-
बहुत से वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी निरन्तर ठण्डी हो रही है परन्तु जब यह ठण्डी होने की प्रक्तिया बढ़ जाती है तो अचानक से भूपटल में संकुचन होता हैं, जिसके कारण भूकम्प आते हैं।
(ii) मानव जन्य कारक :-
खनन :- अत्यधिक खनन गतिविधियों के कारण भूमिगत खानों की छत ढह जाती है जिसके कारण आसपास के क्षेत्र में * भूकम्प के झटके महसूस होते हैं।
बाँध : बाँध के साथ बनाए गए जलाशय के तल की चट्टानें जल के अतिरिक्त भार के कारण खिसक जाती है जिससे भूकम्प आते हैं।
विस्फोट :–
परमाणु एवं रासायनिक विस्फोटों के कारण भी भूकम्प आते है।
प्राकृतिक कारणों के आधार पर भूकम्प के प्रकार :
विवर्तनिक भूकम्प :-
विवर्तनिक गतिविधियों एवं प्लेटों की गति के कारण आने वाले भूकम्पों को विवर्तनिक भूकम्प कहते हैं। अभिसारी प्लेट किनारों पर उच्च तीव्रता, अपसारी पर मध्यम तीव्रता तथा संरक्षित प्लेट किनारों पर निम्न तीव्रताके भूकम्प आते हैं।
हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में आने वाले भूकम्पज्वालामुखीय भूकम्प :-
ज्वालामुखी उद्गार के कारण आने वाले भूकम्प को ज्वालामुखीय भूकम्प कहते हैं।
इन भूकम्पों की तीव्रता ज्वालामुखी की विस्फोटकता पर निर्भर करती है।
भूमध्य सागरीय क्षेत्र में आने वाले भूकम्पसमस्थितिक भूकम्प :-
समस्थितिक समायोजन के दौरान होने वाली रचनात्मक गतिविधियों के कारण आने वाले भूकम्प को समस्थितिक भूकम्प कहते हैं।
इन्हें सन्तुलन मूलक भूकम्प भी कहा जाता है। ऐसे भूकम्प मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों तथा तटवर्ती क्षेत्रों में आते हैं।मानव जन्य भूकम्प :-
नियात भूकम्प :-
ऐसे भूकम्प जो भूमिगत खान की छत के ढ़हने आते हैं, उन्हें नियात भूकम्प कहते हैं।बाँध जन्य भूकम्प :–
ऐसे भूकम्प जो जलाशय में स्थित जल के भार के कारण तल की चट्टानों के खिसकने से आते हैं, उन्हें बाँध / जलाशय जन्य भूकम्प कहते हैं।विस्फोट भूकम्प :-
ऐसे भूकम्प जो परमाणु या रासायनिक विस्फोट के कारण आते हैं, उन्हें विस्फोट भूकम्प कहते हैं।(ii) अवकेन्द्र के आधार पर :-
1. सामान्य भूकम्प :-
इस प्रकार के भूकम्प में अवकेन्द्र की गहराई 0-50 km होती है।
यह कम तीव्रता के भूकम्प होते हैं। :2. मध्यम भूकम्प :-
इन भूकम्पों में अवकेन्द्र की गहराई 50-250 km होती है। यह मध्यम तीव्रता के भूकम्प होते हैं।3. गहरे भूकम्प :-
इन भूकम्पों में अवकेन्द्र की गहराई 250-700 km. होती है। इन्हें plutonic भूकम्प भी कहते हैं।
उन भूकम्पों की तीव्रता बहुत अधिक होती है।(iii) स्थिति के आधार पर :–
स्थलीय भूकम्प :-
जलीय भूकम्प :-
जलीय भूकम्प के कारण सुनामी जैसी ऊँची लहरों का निर्माण होता है
भूकम्प का वितरण:-
परि प्रशान्त महासागरीय पेटी :-
यह पेटी प्रशान्त महासागर के किनारों पर पाई जाती है।
विश्व के लगभग दो तिहाई भूकम्प इस पेटी में आते हैं।
यह अभिसारी प्लेट किनारे हैं अत: यहाँ उच्च तीव्रता के भूकम्प आते हैं।
इस पेटी क्षेत्र में ज्वालामुखी उद्गार एवं समस्थितिक समायोजन भी होता है जिसके कारण अधिक भूकम्प आते हैं।
इस पेटी में दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग में उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग में, जापान तथा फिलीपींस में आने वाले भूकम्प सम्मिलत हैं।
इस पेटी क्षेत्र में भूकम्प के कारण सुनामी भी आती है।मध्य महाद्वीपीय पेटी :-
यह पेटी अफ्रीकन, इण्डो- ऑस्ट्रेलियन तथा यूरेशियन प्लेट के बीच स्थित है।
यहाँ विश्व के लगभग 21% भूकम्प आते हैं।
यहाँ भूकम्प की तीव्रता अभिसारी प्लेट किनारों के स्थित होने के कारण अधिक होती है।
हिमालय क्षेत्र में तथा भूमध्य सागर में आने वाले भूकम्प इस पेटी में सम्मिलत हैं।
भारत में इसी पेटी क्षेत्र के कारण भूकम्प आते हैं।मध्य महासागरीय पेटी :-
यह पेटी महासागर में स्थित अपसारी प्लेट किनारों वाले क्षेत्र में पाई जाती है।
अपसारी प्लेट किनारे होने के कारण यहाँ भूकम्प की तीव्रता मध्यम से निम्न होती है।अन्य क्षेत्र :- → इन पेटियों के अलावा भूकम्प अन्य क्षेत्रों में भी आते हैं। भ्रंश निर्माण वाले क्षेत्र, बाँध, खनन एवं विस्फोट वाले क्षेत्र तथा ज्वालामुखीय तप्त स्थल वाले क्षेत्र
हमने इस आर्टिकल में हमनेक्यों आते भूकम्प ? क्या है कारण ? प्रकार और सिद्धांत के बारे में जानकारी प्राप्त की ये सभी जानकरी राजस्थान सिविल सेवा और अन्य एग्जाम में इसने क्वेश्चन पूछे जाते है आप इनके साथ ही भारतीय भूगोल के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है