गंगा की सहायक नदियां

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गंगा की सहायक नदियां

गंगा की सहायक नदियां- गंगा नदी भारत की सबसे लंबी और सबसे महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी हिमालय की गोमुख ग्लेशियर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा नदी का जलग्रहण क्षेत्र भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 26% है। गंगा नदी की कुल 250 से अधिक सहायक नदियाँ हैं।

गंगा की सहायक नदियां

इन नदियों को दो भागों में बांटा जा सकता है:

  • दायें हाथ की सहायक नदियाँ
  • बाएं हाथ की सहायक नदियाँ

गंगा 

गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों का अपवाह तंत्र विभिन्न राज्यों में स्थित है। उत्तराखण्ड, UP, बिहार, झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल ,गंगा नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 10.631 लाख वर्ग किमी. है। भारत में इसका जलग्रहण क्षेत्र 8.61 लाख km² है। गंगा नदी के कुल लम्बाई 2525 km. (~2500 km.) है। गंगा नदी उत्तराखण्ड में देवप्रयाग नामक स्थान से निकलती है

जहाँ भागीरथी तथा अलकनंदा नदियाँ मिलती हैं। भागीरथी नदी की सहायक नदी भीलांगना इससे टिहरी नामक स्थान पर मिलती है जहाँ भारत का सबसे ऊँचा बाँध स्थित है। अलकनंदा नदी पर विभिन्न प्रयाग स्थित है विष्णुप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग

गंगा की सहायक नदियां

यमुना

नदी का उद्‌गम उत्तराखण्ड में यमुनोत्री हिमनद से होता है। दिल्ली से होते हुए UP में इलाहाबाद के पास यह गंगा नदी से मिलती है जिसे प्रयाग कहा जाता है। यह गंगा की सबसे लम्बी सहायक नदी है। इस नदी के किनारे आगरा तथा मथुरा शहर स्थित है। यह अत्यधिक प्रदूषित नदी है जो जैविक रूप से मृत है। यमुना की बाँये हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ टोंस व हिंडन है। यमुना की दाँये हाथ की प्रमुख सहायक नदियाँ चम्बल, केन, बेतवा व सिन्ध है।

सोन

इस नदी का उद्‌गम MP में अमरकंटक से होता है। यह नदी बिहार में सोनपुर नामक स्थान पर गंगा नदी से मिलती है। इस नदी के बेसिन में सोने प्लेसर निक्षेप पाए जाते हैं। रिहद इसकी प्रमुख सहायक नदी है।
रिंहद नदी पर UP – MP सीमा क्षेत्र में रिहद बाँध स्थित है। रिंहद बाँध से गोविन्द वल्लभ पंत सागर जलाशय का निर्माण होता है

बाँये हाथ की सहायक नदियाँ

गंगा की सहायक नदियां

रामगंगा

इस नदी का उद्‌गम उत्तराखण्ड में गढ़वाल जिले में स्थित हिमालय पर्वतीय क्षेत्र से होता है। UP में कन्नौज के पास यह नदी गंगा नदी से मिलती है। यह रोहिलखण्ड के मैदान की प्रमुख नदी है।

गोमती

इस नदी का उद्‌गम UP के पीलीभीत जिले से होता है। इस नदी के किनारे लखनऊ तथा जोनपुर शहर स्थित है। यह अवध के मैदान की सबसे प्रमुख नदी है।

घाघरा

घाघरा नदी का उद्गम तिब्बत के पठार से होता है। इसे नेपाल में कर्णाली कहा जाता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ शारदा, सरयु तथा राप्ती
है। शारदा नदी नेपाल से निकलती है जहाँ इसे काली नदी सरयु नदी के किनारे अयोध्या स्थित है।राप्ति नदी के किनारे गोरखपुर शहर स्थित है।

कोसी

इस नदी का उद्‌गम तिब्बत के पठार से निकलने वाली विभिन्न धाराओं से होता है। प्रमुख धाराएँ जो इस नदी का निर्माण करती है, उनमें सुनकोसी अरुणकोसी, तमुरकोसी सम्मिलित हैं। नेपाल में इस नदी को सप्तकोसी कहते हैं। बिहार में प्रवेश करने के बाद इसे कोसी कहते हैं। यह नदी गंगा में सर्वाधिक अवसाद एवं जल लेकर आती है। अवसादों की मात्रा अधिक होने के कारण यह नदी बार – बार अपने मार्ग में परिवर्तन करती है अतः बिहार में इस नदी के कारण बाढ आती रहती है अतः इसे बिहार का शोक कहते हैं।

महानंदा

इस नदी का उद्‌गम पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंगपहाड़ियों से होता है। यह गंगा आखिरी बाँये हाथ की सहायक नदियाँ हैं।

हुगली

हुगली नदी फरक्का नामक स्थान पर गंगा से अलग होती है।
इस नदी के किनारे कोलकाता शहर स्थित है। कोलकाता तथा हल्दिया बन्दरगाह भी इसी नदी पर स्थित है। इसे विश्वासघाती ( Treacherous) नदी कहा जाता है। फरक्का नामक स्थान पर एक बैराज स्थित है जहाँ से गंगा का जल हुगली नदी की ओर मोड़ा जाता है जो हुगली के तल से अवसादों को हटा देता है। दामोदर हुगली नदी की प्रमुख सहायक नदी है

दामोदर 

इस नदी का उद्‌गम झारखण्ड में छोटा नागपुर पगरी क्षेत्र से होता है। यह नदी भ्रंश घाटी में बहती है। यह छोटा नागपुर पगर को दो भागों में विभाजित करती है। इस नदी घाटी क्षेत्र कोयले के भण्डार पाए जाते है अत: इसे “भारत की रूर घाटी ” कहा जाता है

यह नदी पहले बंगाल में बाढ़ लेकर आती थी अत: इसे “बंगाल का शोक ” कहते हैं। आजादी के बाद इस नदी पर पहली बहुउ‌द्देशीय परियोजना स्थापित की गई जिसे दामोदर घाटी परियोजना नदी घाटी कहते हैं। यह USA की टेनिसी नदी घाटी परियोजना पर आधारित है। यह एक प्रदूषित नदी है।

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