गुजरात के लोक नृत्य कौन से हैं-SSC, RAILWAYS, UPSC स्टूडेंट्स एक बार जरुर देखे

गुजरात के लोक नृत्य कौन से हैं,डांडिया कहाँ का नृत्य है ? ,टिप्पनी कहाँ का नृत्य है ?,हुडो कहाँ का नृत्य है ?,पधर कहाँ का नृत्य है ?,हल्लीसाका कहाँ का नृत्य है ?

नमस्कार दोस्तों!

आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पोस्ट में, जहाँ हम एक नए और रोचक विषय को छूने का प्रयास करेंगे –

“गुजरात के लोक नृत्य कौन से हैं।”

यह विषय विशेषकर SSC, UPSC और Railways की परीक्षा तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें संस्कृति, तांत्रिकता और सांस्कृतिक विविधता का मेल है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम गुजरात के विभिन्न लोक नृत्यों की बात करेंगे और उनकी महत्वपूर्णता को समझेंगे। यहां हम आपको उन नृत्यों के विविध और सुंदर रूपों के साथ परिचित कराएंगे, जो इस राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आपको गुजरात के लोक नृत्यों के पीछे की कहानी, उनका महत्व, और उनमें छिपी सांस्कृतिक धाराओं को जानने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेंगे

 

 

गरबा कहाँ का नृत्य है ?

यह सबसे लोकप्रिय लोक नृत्य है यह महिलाओं द्वारा मां जगदंबा की आराधना करते हुए किया जाता है यह नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक किया जाता है इसमें आमतौर पर डमरू तबला नगाड़ा मुरली तुरी शहनाई आदिवासी यंत्र बजाए जाते हैं

डांडिया कहाँ का नृत्य है ?

गुजरात के लोकप्रिय नृत्य में से एक है डांडिया एक लकड़ी की सजावट की हुई छड़ी होती है जिसे डांडिया कहते हैं इसे देवी की तलवार माना जाता है गरबा और डांडिया में अंतर यह है कि गरबा आरती से पहले किया जाता है यह महिलाओं और पुरुष दोनों द्वारा किया जाता है

भवाई कहाँ का नृत्य है ?

भवाई नृत्य को भावनाओं का नृत्य कहते हैं जिसमें पुरुष और महिला अपने सर पर 7 से 9 तक पीतल के घड़े रखती हैं और कार्ड के टुकड़ों पर कांच के टुकड़ों पर चलकर लाल बाद नृत्य करती हैं तालबद्ध नृत्य करती हैं

टिप्पनी कहाँ का नृत्य है ?

महिला द्वारा किया जाने वाला नृत्य है यह चोरवाड़ क्षेत्र में उत्पन्न हुआ नृत्य है यह तथ्य क्षेत्र में यह तटीय क्षेत्रों में कोली व खरवा लोगों द्वारा किया जाता है

हुडो कहाँ का नृत्य है ?

यह गुजरात की धरवाड़ भारवाड़ जनजाति द्वारा किया जाता है इस का जन्म भेड़ के झगड़े से हुआ है इसमें नर्तक अपने हाथों से तलवार और मजदूर तरीके से ताली बजाते हैं इसमें नर्तक अपने हाथों से ताकतवर और मजदूर तरीके से ताली बजाते हैं तथा नृत्य की सुंदरता महिलाओं द्वारा सुंदर वेशभूषा के कारण बढ़ जाती है इसमें वह कढ़ाई की वस्त्र और रंगीन छाती के साथ उपस्थित होती है

पधर कहाँ का नृत्य है ?

पधार यह गुजरात के पधर समुदाय के लोगों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है यह मुख्यतः मछुआरे ही होते हैं और हिंदू धर्म के अनुयाई तथा देवी की पूजा करने वाले होते हैं तथा इसमें वे समुद्री जीवन की नकल करते हैं तथा गीत गाते हुए उनका वर्णन करते हैं

 

हल्लीसाका कहाँ का नृत्य है ?

हल्लीसाका एक समूह नृत्य है  इसमें युवक युवतियों के बीच में जाकर खड़ा हो जाता है युक्तियां युवतियां गोल घेरा बनाकर तालियां बजाते हुए नृत्य करते हैं

इसके साथ आप अन्य राज्यों के भी नृत्यों के बारे में पढ़ सकते है जो निम्न लिखित है

केरल का नृत्य कौन सा है ?

उत्तराखंड के प्रमुख लोकनृत्य कौन से हैं : SSC, RAILWAYS, UPSC स्टूडेंट्स एक बार जरुर देखे

 

यहाँ पर दी गई सभी जानकारी विकिपीडिया तथा उत्तराखंड के सरकारी वेबसाइट से ली गई है

समापन: एक सांस्कृतिक सफलता की ओर

इस यात्रा में गुजरात के लोक नृत्यों के सुंदर और रंगीन विश्व में हमारे साथी बनने के लिए धन्यवाद! इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमने गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर के महत्वपूर्ण हिस्से – उसके लोक नृत्यों को जाना और समझा।

यहां हमने देखा कि हर नृत्य एक कहानी सुनाता है,एक सांस्कृतिक संदेश लेकर आता है और रंग-बिरंगे स्वरूपों के साथ भाषा का आदान-प्रदान करता है। इन लोक नृत्यों का महत्व न केवल सांस्कृतिक धन को बनाए रखने में है, बल्कि ये हमें भारतीय सांस्कृतिक समृद्धि की ओर एक कदम और बढ़ने का संकेत भी देते हैं।

Leave a Comment