कायांतरित चट्टाने प्रकार और उदाहरण
नमस्कार, दोस्तों! SSC, UPSC और PSC परीक्षाओं के लिए तैयार हो रहे हैं?
आज हम आपको सरल भाषा में कायांतरित चट्टानों के प्रकार और उदाहरण बताएंगे।
तो, चलिए शुरू करते हैं ! कायांतरित चट्टाने प्रकार और उदाहरण
क्या आप जानते हैं:
- कायांतरित चट्टानें कैसे बनती हैं?
- इनके कितने प्रकार होते हैं?
- प्रत्येक प्रकार की विशेषताएं क्या हैं?
- इनके कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण क्या हैं?
अगर नहीं, तो यह ब्लॉग आपके लिए है!
कायान्तरित चट्टानें
पहले से स्थित चट्टानों के स्वरूप में परिवर्तन होने से कायान्तरित चट्टानें बनती हैं। कायान्तरण दाब तथा तापमान के कारण होता है। इसके अन्तर्गत पहले से स्थित चट्टानों में खनिज पुनः संगठित या पुनः क्लिस्टलीकृत होते हैं।
कायांतरित चट्टानो को तीन भागो में विभाजित किया जा सकता है
गतिशील कायान्तरण:-
कायान्तरण की वह प्रक्रिया जिसमें चरटानों के खनिजों की व्यवस्था बदलती है एवं खनिज पुनः संगठित होते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान कोई रासायनिक परिवर्तन नहीं होता।
ऊष्मीय कायान्तरण :-
कायान्तरण की यह प्रक्रिया तापमान के कारण होती है। इस प्रकार के कायान्तरण में पहले से स्थित चट्टानों में पुन: क्रिस्टलीकरण होता है।
इस प्रक्रिया के दौरान रासायनिक परिवर्तन होते हैं।
यह प्रक्रिया दो प्रकार की होती है:-सम्पर्क कायान्तरण
प्रादेशिक कायान्तरण
सम्पर्क कायान्तरण :-
जब कायान्तरण लावा या मेग्मा के सम्पर्क में आने से होता है तो उसे सम्पर्क कायान्तरण कहते हैं।प्रादेशिक कायान्तरण :-
जब चट्टानों में कायान्तरण किसी क्षेत्र विशेष में होने के कारण होता है तो उसे प्रादेशिक कायान्तरण कहते हैं। यह सामान्यतः प्लेट किनारों वाले क्षेत्र में होता है।
जलीय कायान्तरण :-
कायान्तरण की वह प्रक्रिया जो जल में होती है, जलीय कायान्तरण कहलाती है।
यह दो प्रकार का होता है:-जलीय ऊष्मीय कायान्तरण :
जल का तापमान बढ़ने के कारण जल में स्थित चट्टानों के स्वरूप में होने वाले परिवर्तन को जलीय ऊष्मीय कायान्तरण कहते हैं।
जलीय रासायनिक कायान्तरण
जल में रासायनिक तत्व अधिक होने पर जल में स्थित चट्टानें रासायनिक क्रिया के कारण स्वरूप परिवर्तित कर लेती हैं, जिसे जलीय रासायनिक कायान्तरण कहते हैं।
कायान्तरित चट्टानों के प्रकार
पत्रित चट्टानें :-
कायान्तरण की प्रक्रिया के दौरान जब चट्टानों में स्थित खनिज रेखाओं के रूप में व्यवस्थित होने लगते हैं तो उसे रेखांकन कहते हैं।
रेखाकंन वाली चट्टानों को पत्रित चट्टानें कहते हैं।
e.g. Slate, Phylite, Schist
– कायान्तरण के दौरान कई बार खनिज समूह अलग होकर चदटानों में गहरी – हल्की पट्टिटयों के रूप में व्यवस्थित हो जाते हैं जिसे वैडिंग कहते हैं। तथा ऐसी चट्टानों को बैंडेंड चट्टानें कहते हैं।
नीसअपन्नित चट्टानें:
कायान्तरण के दौरान जब चट्टानों में रेखांकन की प्रक्तिया नहीं होती, तो उससे अपत्रित चट्टानों का निर्माण होता है।
eg Graphite. Marbleआग्नेय – कायान्तरित चट्टान
ग्रेनाइट → नीस
एम्फीबोलाइट→ बसाल्टअवसादी – कायान्तरित चट्टान
शेल→स्लेट
चूनापत्थर →संगमरमरक्वार्ट्जाइट→बालूपत्थर
कोयला →ग्रेफाइट →हीरा
कायान्तरित – कायान्तरित चट्टान
स्लेट→फाइलाइट
फाइलाइट→सिस्ट
सिस्ट→नीसकायान्तरित चट्टानों के उपयोग
इन चट्टानों में खनिज पाए जाते हैं।
बहुमूल्य पत्थर – हीरा आदि भी इन चट्टानों से प्राप्त होता है जिनका उपयोग आभूषणों में किया जाता है।
संगमरमर आदि चट्टानों का उपयोग भवन निर्माण एवं सजावट की सामग्री के रूप में किया जाता है।
ग्रेफाइट का उपयोग पेन्सिल में किया जाता है।
स्लेट का उपयोग छत निर्माण सामग्री में किया जाता है।
शैल चक्र
चट्टानें निरन्तर अपने स्वरूप में परिवर्तन करती रहती है। आग्नेय चट्टानें प्राथमिक चट्टानें हैं जिनसे अन्य चट्टानों का निर्माण होता है।
शिलीभवन, कायान्तरण तथा चट्टानों के पिघलने से उनके प्रकार में परिवर्तन आता है।
अत: शैल चक्त की प्रक्लिया निरन्तर पृथ्वी पर चलती रहती है।
अवसादी चट्टानो के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करे
अवसादी चट्टान प्रकार और उदाहरण
निष्कर्ष:
अवसादी चट्टानें धरती के इतिहास और भूगर्भ विज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। SSC, UPSC और PSC जैसी परीक्षाओं में अवसादी चट्टान प्रकार और उदाहरण का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हमने अवसादी चट्टानों के प्रकार, उदाहरण और महत्व के बारे में जानकारी दी है।
अन्य भूगोल के टॉपिक की लिस्ट
भूकंप कारण – P, S, L तरंगे, विश्व में वितरण upsc 2024
भारत में भूकंप और उनके जोन upsc नोट्स 2024
क्या है क्रस्ट,मेंटल और कोर upsc नोट्स 2024
अतिरिक्त जानकारी:
कायांतरित चट्टाने प्रकार और उदाहरण
कायांतरित चट्टाने प्रकार और उदाहरण
कायांतरित चट्टाने प्रकार और उदाहरण
कायांतरित चट्टाने प्रकार और उदाहरण