भारत में कोपेन का जलवायु वर्गीकरण
भारत में कोपेन का जलवायु वर्गीकरण
भारत में उष्ण कटिबन्धीय मानसून जलवायु पाई जाती है परन्तु मानसून वर्षा का वितरण समान नहीं है। भारत में अन्य जलवायु तत्वों जैसे तापमान तथा दाब सम्बन्धित विविधता भी पाई जाती है। इस प्रादेशिक भिन्नता के आधार पर भारत को विभिन्न जलवायु प्रदेशों में बाँटा जा सकता है। कोपेन के अनुसार भारत में 8 प्रमुख जलवायु प्रदेश है
कोपेन ने जलवायु प्रदेशों को दर्शाने के लिए अंग्रेजी भाषा। के वर्ण संकेतों का उपयोग किया है जो निमंलिखित है
-
A =Tropical Climate
-
B= Desert Climate
W= arid
S= Semi Arid
h= hot
k= cold
W= subtropical
D= Temperate
E= polar
- f= full year rain
- m= mansoon
- s= summer dry
- w = winter dry
- g= ganga plains
-
a= long hot summer season
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b= long warm summer season
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c= short cool summer season
-
d= short cold summer season
Amw
लघु शुष्क ऋतु वाला मानसून Monsoon with short dry season – प्रदेश
यह जलवायु प्रदेश गोवा के दक्षिण में कर्नाटक तथा केरल के तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित है। उस क्षेत्र में तापमान 18℃ या उससे अधिक पाया जाता है।
यहाँ लगभग 200-400 cm. वर्षा प्राप्त होती है। अधिक वर्षा के कारण यहाँ उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वनस्पति पाई जाती है।
महोगनी, सबोनी, रोजवुड, सफेद केदार
यहाँ मानसून सबसे पहले प्रवेश करता है तथा सबसे अन्त में यहाँ से निर्मित होता है
As
Monsoon with dry summer. ( शुष्क ग्रीष्म ऋतु वाला मानसून प्रकार )
यह प्रदेश कोरोमण्डल तट पर स्थित है। मुख्य रूप से आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडू में स्थित है।
यहाँ तापमान 18℃ या उससे अधिक होता है।
यहाँ लगभग 100 – 200 cm. वर्षा प्राप्त होती है।
इस क्षेत्र में वर्षा शीत ऋतु के दौरान उत्तर-पूर्वी मानसून पवनों द्वारा प्राप्त होती है तथा यहाँ चक्रवात के कारण भी वर्षा प्राप्त होती है।
इस क्षेत्र में उष्ण कटिबन्धीय आई पतझड़ वनस्पति पाई जाती है।
वनस्पति Teak
Aw
Tropical Savanna Region (उष्ण कटिबन्धीय सवाना प्रदेश) –
यह प्रदेश कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित है।
यह, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पर्देश बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम तथा प्रायद्वीपीय भारत में स्थित है।
अधिकतम इस क्षेत्र में 18℃ तथा उससे अधिक तापमान पाया जाता है। यहाँ लगभग 50-100cm. वर्षा प्राप्त होती है।
यहाँ उष्ण कटिबन्धीय शुष्क पतझड़ वनस्पति पाई जाती है।
साल
Cwg
Mansoon with dry winter ( शुष्क शीत ऋतु वाला मानसून
इस क्षेत्र में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, U.P., M.P., बिहार, झारखण्ड, प. बंगाल, सिक्किम तथा NE राज्य सम्मिलित हैं।
इस क्षेत्र में महाद्वीपीय प्रभाव के कारण तीव्र एवं विषम तापमान परिस्थितियों पाई जाती है।
इस प्रदेश में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ने पर वर्षा की मात्रा कम होती है।
यहाँ लगभग 50-200 cm. या उससे अधिक वर्षा प्राप्त होती है।
वर्षा में भिन्नता के कारण यहाँ विभिन्न प्रकार की वनस्पति पाई जाती है।
1.उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार बनस्पति
2. उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र पतझड़ वनस्पति
3. उष्ण कटिबन्धीय शुष्क पतझड़ बनस्पति
यह प्रदेश कर्क रेखा के उत्तर में स्थित है।
BShw
Semi-arid Steppe Region (अर्द्ध-शुष्क स्टेपी प्रदेश)
यह प्रदेश पंजाब, हरियाणा, प. राजस्थान, गुजरात तथा प्रायद्वीपी भारत (का आन्तरिक भाग) के वृष्टि छाया क्षेत्र में स्थित 234
इस प्रदेश में विषम तापमान परिस्थितियाँ पाई जाती है।
यहाँ लगभग 25-50 cm. वर्षा प्राप्त होती है।
इस क्षेत्र में उष्ण कटिबन्धीय काँटेदार वनस्पति पाई जाती है।
खेजड़ी, बबूल, खैर
BWhw
Hot desert region ( मरुस्थलीय प्रदेश) यह पश्चिमी राजस्थान में स्थित प्रदेश है।
इस प्रदेश में विषम ताममान परिस्थितियाँ पाई जाती है।
यहाँ दैनिक तापान्तर बहुत अधिक पाया जाता है। यहाँ 25 cm. से कम वर्षा प्राप्त होती है अतः यहाँ मरुद्भिद् वनस्पति पाई जाती है।
Dfc
Short summer with cold humid winter
लघु ग्रीष्म एवं ठण्डी आई शीत ऋतु वाला प्रदेश
यह प्रदेश मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। इस प्रदेश में लगभग – 3°C से 18°C तापमान पाया जाता है।
यहाँ पूरे वर्ष वर्षा प्राप्त होती है जो लगभग 100-200 cm. होती है।
अधिक वर्षा के कारण यहाँ उपोष्ण कटिबन्धीय चौड़ी पत्ती बाली, वनस्पति पाई जाती है।
सदाबहार मैपल, ओक, चेस्टनट
E
ध्रुवीय जलवायु प्रदेश ,यह प्रदेश हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है।
यह मुख्य रूप से J&K, हिमाचल प्रदेश तथा UTK में पाया जाता है। यहाँ शीत ऋतु में -3℃ या उससे कम रहता है तथा ग्रीष्म ऋतु में तापमान 100 या उससे अधिक रहता है।
इस प्रदेश में SN बढ़ने पर वर्षा की मात्रा कम होती है। हिमालय पर्वतीय क्षेत्र के पीछे एक वृष्टि छाया क्षेत्र स्थित है जहाँ भारत का ठण्डा मरूस्थल लद्दाख के पठार पर पाया जाता है।
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