प्लेटों के अभिसरण के दौरान विस्फोटक ज्वालामुखी उद्गार होते हैं।अपसारी प्लेट किनारों वाले क्षेत्रों में मध्यम से निम्न तीव्रता के ज्वालामुखी उद्गार होते हैं। अत: प्लेटों की गति के कारण ज्वालामुखी उद्गार होते हैं।
आन्तरिक भाग में रेडियोधर्मी पदार्थों के विघटन तथा रासायनिक क्रियाओं झादि के कारण ऊर्जा मुक्त होती है जो वहाँ स्थित चट्टानो को पिघलाकर मेग्मा में परिवर्तित करती है। मेग्मा निर्माण के बाद ज्वालामुखी के रूप में बाहर आता है।
पृथ्वी के आन्तरिक भाग में जलवाष्प जैसी गैसों के निर्माण से दाब बढ़ता है जो ज्वालामुखी उद्गार में सहायक होता है।
ज्वालामुखी के उदगार समय – सल्फर नाइट्रोजन, ऑर्गन, क्लोरीन, हाइड्रोजन गेसे निकलती है